बॉलीवुड में बायोपिकस का चलन तेजी से बढ़ रहा है। पिछले कुछ वर्षो में हमने सचिन, मिल्खा सिंह, मैरी कोम, महेंद्र सिंह धोनी, सरबजीत, गीता फोगाट, भगत सिंह, दशरथ मांझी जैसी महान हस्तियों की कहानियों पर्दे पर देखी है। इस कहानियों न सिर्फ हमारा मनोरंजन किया है बल्कि हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी है।
इन महान हस्तियों पर फिल्में बनाने के अलावा, बॉलीवुड का एक ऐसा निर्देशक वर्ग ऐसा भी है जिनकी रूचि डॉन, गुंडे और अपराधियों पर फ़िल्में बनाने की रहीं है। पिछले 15 सालों में अजय देवगन की कंपनी से लेकर शाहरुख़ खान की रईस तक, न जाने कितनी फ़िल्में डॉन की जिंदगियों पर आधारित रहीं हैं। श्रद्धा कपूर की आने वाली फिल्म ‘हसीना पारकर’ दाऊद की बहन हसीना पारकर की कहानी है। बायोपिक चाहे किसी भी व्यक्ति या घटना पर आधारित हो, सच्चाई यही है कि इन फिल्मों से लोगों को कुछ न कुछ संदेश जरूर जाता है। इसलिए बॉलीवुड के निर्माताओं और निर्देशकों का फ़र्ज़ बनता है की वो अपराधियों को छोड़, ऐसी हस्तियों पर फ़िल्में बनाए, जो लोगों के जीवन में कुछ बदलाव ला सके। अगर बायोपिक बनानी ही है तो ऐसे लोगों पर बनाए जिनकी कहानियां दुनिया तक पहुँचाना जरूरी है। ऐसी शख्सियतों पर बनाए जिनका जीवन लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहा है। ऐसी कहानियां लेकर आए, जिसे देखकर लोगों को जीवन में आगे बढ़ने और कुछ करने की चाह महसूस हो। आज हम आपको ऐसी 5 भारतीय हस्तियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके ऊपर फिल्म बनना समय की मांग है।
अटल बिहारी वाजपयी
भारतीय राजनीती में अटल बिहारी वाजपेयी का अपना एक अलग स्थान है। उनकी गिनती देश के महान नेताओं में की जाती है। 25 दिसम्बर 1924 को जन्मे वाजपयी, भारत के 10वें प्रधानमंत्री थे। भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले वाजपयी को 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था। बॉलीवुड फिल्मकारों को चाइए कि हसीना पारकर, दाऊद इब्राहीम को छोड़, वाजपयी जैसे महान नेता पर फिल्म बनाई जाए।
लता मंगेशकर
70 सालों तक अपनी मधुर आवाज़ से लोगों के दिलों में राज करना कोई मामूली काम नहीं है। लता मंगेशकर ने अपनी अनमोल आवाज़ से अपना नाम हमेशा के लिए अमर कर दिया है। 28 सितम्बर 1929 में जन्मी लता मंगेशकर ने अपना पहला गाना 1942 में मराठी फिल्म पहिली मंगला-गौर में गया था। 2001 में लता मंगेशकर भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था। भारत की संगीत संस्कृति को आगे ले जाने में लता जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस योगदान के लिए उनके ऊपर एक फिल्म बनना जरूरी है।
विश्वनाथन आनंद
भारत को शतरंज के खेल में नई उचाईयों तक पहुँचाने में विश्वनाथन आनंद का बड़ा योगदान रहा है। अगर शतरंज के खेल में भारत का दुनिया में कोई स्थान है यो उसका पुरा श्रय आनंद को ही जाता है। राजीव गाँधी खेल रत्न, पद्मा विभूषण से सम्मानित विश्वनाथन आनंद कई सालों तक शतरंज में वर्ल्ड चैंपियन रहे हैं। सचिन, मिल्खा सिंह, मैरी कोम, महेंद्र सिंह धोनी के बाद अब इस महान खिलाडी पर बायोपिक बननी चाइये।
मेजर ध्यानचंद
जब भी भारत के महान खिलाडियों का नाम लिया जायेगा तब शायद मेजर ध्यानचंद का नाम सबसे ऊपर होगा। 29 अगस्त 1905 में जन्मे ध्यानचंद को हॉकी के महान खिलाडियों में गिना जाता है। गोल करने में माहिर ध्यानचंद ने अपने बूते पर भारत को 1928, 1932 और 1936 ओलंपिक्स खेलों में स्वर्ण पदक दिलाया था। अपने स्वर्णिम करियर में ध्यानचंद में 400 से भी ज्यादा गोल किये। 29 अगस्त (ध्यानचंद का जन्मदिन) भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अब्दुल कलाम आज़ाद
भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे, अब्दुल कलम आज़ाद को हमेशा एक सरल इंसान और महान वैज्ञानिक के रूप में याद किया जाएगा। एक वैज्ञानिक के तौर पर अब्दुल कलाम आज़ाद ने देश को लगभग अपने जीवन के 50 साल दिए। इस महान शक्सियत को लोग ‘मिसाइल मेन’ के नाम से जानते है। अपने जीवन से लाखों लोगों का मार्गदर्शन करने वाले अब्दुल कलाम आज़ाद पर बनी फिल्म लोगों को जीवन में नई उर्जा प्रदान कर सकती है।