फिल्म समीक्षा: कॉमेडी के साथ सोशल मेसेज देने में कामयाब रहती है पोस्टर बॉयज़

Poster Boys Movie Review In Hindi

कहने को तो हमारा देश बहुत तेजी से आगे बड़ रहा है लेकिन आज भी कई ऐसे मुद्दे है जिस पर लोग खुलकर बात करने से कतराते है। इस हफ्ते रिलीज़ हुई फिल्म पोस्टर बॉयज़ में भी कुछ इसी तरह की कहानी देखने को मिलेगी। यह फिल्म एक कम्पलीट एंटरटेनमेंट फिल्म है। फिल्म में मस्ती-मज़ाक करते के साथ नसबन्दी जैसे गम्भीर मुद्दे के प्रति लोगों को जागरुक करने की कोशिश की गई है। यह फिल्म 8 सितम्बर से सिनेमाघरों में लग चुकी है। फिल्म का बजट 15 करोड़ के लगभग बताया जा रहा है। फिल्म में सनी देओल, बॉबी देओल और श्रेयस तलपड़े के साथ-साथ सोनाली कुलकर्णी और समीक्षा भटनागर मुख्य भूमिका निभा रहे है।

कहानी
फिल्म की कहानी जंगेठी नाम के गांव से शुरु होती है। जगावर चौधरी (सनी देओल) एक रिटार्ड आर्मी अफसर होते है, जिन्हें तरह तरह के मुंह बनाकर सेल्फी लेने का बहुत शौक होता है। विनय शर्मा (बॉबी देओल) एक स्कूल टीचर होते है और अर्जुन सिंह (श्रेयस तलपड़े) एक रिकवरी एजेंट की नौकरी कर रहे होते है। एक दिन अचानक सरकार के नसबन्दी के पोस्टर पर अपनी फोटो देखकर ये तीनों परेशान हो जाते है। पूरे गांव में इनके नसबन्दी कराने की बात फैल जाती है और इनकी बदनामी होनी शुरु हो जाती है। इस कारण जगावर चौधरी की बहन की शादी टूट जाती है, विनय की पत्नी उन्हें छोड़कर चली जाती है और अर्जुन की गर्लफ्रैंड के पिता रिश्ता तोड़ने की बात करने लगते है। परेशान होकर ये तीनों सरकार से न्याय की मांग करते है। किस तरह वह अपनी लड़ाई लड़ते है और क्या उन्हें न्याय मिल पाता है, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

एक्टिंग
बॉबी देओल काफी समय के बाद बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे है। उनकी और सनी देओल की जोड़ी भी काफी वक्त के बाद देखने को मिल रही है। जगावर चौधरी के रुप में सनी ने दमदार एक्टिंग की है। फिल्म में सनी को उनके ऑरिजनल रुप में दिखाया गया है, जो दर्शक देखना चाहते है। एक टीचर के रुप में बॉबी कुछ खास फिट नहीं बैठे, इसके बावजूद उनकी एक्टिंग शानदार रही है। श्रेयस तलपड़े को कॉमेडी फिल्मों का अच्छा अनुभव है। उनका अनुभव इस फिल्म में भी काम आया है। अपनी कॉमेडी से उन्होंने फिल्म में जान डालने की पूरी कोशिश की है। अन्य कलाकारों की बात करें तो सभी ने ठीक-ठाक एक्टिंग की है।

म्यूज़िक एंड डायरेक्शन
फिल्म के म्यूज़िक पर नज़र डालें तो, पूरी फिल्म में कोई ऐसा गाना नहीं है जो आपको सिनेमार से बाहर निकलने के बाद याद रह जाएं। दलेर महंदी के गाने कुड़िया शहर दियां ने फिल्म के म्यूज़िक सेक्शन को मजबूत करने की कोशिश की है, लेकिन इसमें उन्हें ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई। डायरेक्शन के मामले में यह श्रेयस की पहली फिल्म है। उनकी डायरेक्शन काबिले तारीफ रही है। वह फिल्म के निर्माता भी है। एक डायरेक्टर और एक्टर के रुप में श्रेयस ने अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी निभाई है।

क्यूँ देखें
फिल्म में नसबन्दी जैसे मुद्दे को बेहद मज़ाकिया ढंग से पेश किया गया है। फिल्म में सोशल मेसेज देने की कोशिश की गई है कि नसबन्दी कोई अपराध नहीं है। फिल्म के डायलोग्स बहुत दमदार है। फिल्म के पहले हाल्फ में आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हालांकि दूसरे सेक्शन में फिल्म थोड़ी गम्भीर हो जाती है, लेकिन बीच बीच में कॉमेडी का तड़का चालू रहता है। कॉमेडी फिल्मों का शौक रखते है और कुछ अलग हटकर देखना चाहते है तो यह फिल्म देखने जरुर जाएं। हमारी तरफ से फिल्म को 5 में से 3 स्टार।

बॉक्स ऑफिस प्रेडिक्शन
हमे इस तरह की फिल्मों को बढ़ावा देना चाहिए। ऐसी फिल्मों से हमारी समाज में लोगों की सोच में काफी बदलाव आता है, जो आज भी नसबन्दी को एक अपराध की श्रेणी में रखते है। इस हफ्ते अर्जुन रामपाल की फिल्म डैडी भी रिलीज़ हो रही है। साथ ही पिछले हफ्ते रिलीज़ हुई फिल्में शुभ मंगल सावधान और बादशाहों भी दर्शकों को काफी पसन्द आ रही है। ऐसे में इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर कड़ी टक्कर मिलने वाली है। पोस्टर बॉयज से ज्यादा कमाई की उम्मीद नहीं की जा सकती।

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